ग्रामीण शिक्षा एवं सहायता एसोसिएशन (Grameen Shiksha Evam Sahayata Association) की स्थापना 10 दिसंबर 2004 को सात युवा ग्रामीणों के समूह ने मिलकर की थी। संस्था का उद्देश्य ग्रामीण समाज के निवासियों को शिक्षित व प्रशिक्षित करके उन्हें संगठित करना, उनकी आजीविका को मजबूत करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। संस्था "समूह प्रणाली – लाए खुशहाली" के सिद्धांत पर कार्य करती है।
हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्व-रोज़गार, कृषि सुधार, वित्तीय साक्षरता और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में अनेक प्रगतिशील पहलें की हैं, जिनमें विशेष रूप से स्वयं सहायता समूह (SHG), किसान क्लब (FC), किसान उत्पादक संगठन (FPO), ग्राम कुल FPC आदि का गठन और संवर्धन शामिल है।
हमारे प्रमुख कार्य और उपलब्धियाँ: कृषि आधारित सशक्तिकरण: संस्था द्वारा किसानों को FPO और FEG (Farmers Interest Group) में संगठित किया जाता है। ये समूह तकनीकी सहायता, थोक खरीदी, विपणन, प्रसंस्करण, और मूल्य संवर्धन में सक्षम बनते हैं।
ग्रामकुल ब्रांड: "शुद्धता में खरा" की टैगलाइन के साथ 'ग्रामकुल' एक प्रामाणिक ब्रांड के रूप में भारत के पारंपरिक स्वाद को लोगों तक पहुँचा रहा है।
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: किसानों, डायरेक्टर्स और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को कृषि प्रबंधन, भंडारण, विपणन, और शीत भंडारण जैसी सेवाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है।
पुरस्कार व सम्मान: हमारे बाजरा उत्पाद और दुग्ध इकाई को विभिन्न कृषि मेलों (पुसा बागवानी शो, कृषि कुंभ ICAR) में सम्मानित किया गया है। हमें स्वतंत्रता दिवस पर माननीय SDM नजफगढ़ द्वारा भी सम्मान मिला है।
प्रमुख परियोजनाएं और सामाजिक योगदान: नाबार्ड SHG प्रोजेक्ट: नाबार्ड द्वारा 100 स्वयं सहायता समूहों के गठन और संचालन की जिम्मेदारी संस्था को दी गई, जिसमें अब तक 1560 परिवारों को जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना: घर-घर जाकर बैंक खाते खुलवाने, आधार से जोड़ने और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य बीमा तथा अटल पेंशन योजना से जोड़ने का कार्य किया गया।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: NSDC के तहत सिलाई और कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट जैसे ट्रेड्स में 120 से अधिक ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: 451 छोटे कारोबारियों को कुल ₹2.8 करोड़ से अधिक के मुद्रा शिशु ऋण उपलब्ध कराए गए।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP): ₹1.59 करोड़ से अधिक की राशि में विभिन्न यूनिटों को ऋण उपलब्ध कराया गया।
वित्तीय सशक्तिकरण: समूह बचत राशि: ₹1.68 करोड़ से अधिक की सामूहिक बचत।
बैंक लिंकेज: ₹4.38 करोड़ से अधिक की कार्य पूंजी एवं ऋण सुविधा विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत की गई है।
हमारा विजन: ग्राम-निवासियों को आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना ताकि वे आत्मनिर्भर, स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
हमारा मिशन: शिक्षा, प्रशिक्षण, समूह सशक्तिकरण और कृषि सुधारों के माध्यम से ग्रामीण भारत के लिए एक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करना।